नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल, प्रवेश वर्मा और संदीप दीक्षित के बीच मुकाबला निश्चित ही दिलचस्प होगा। इस सीट पर तीनों प्रमुख नेता अलग-अलग पार्टी से हैं और प्रत्येक का अपनी-अपनी ताकत और समर्थक वर्ग है।
अरविंद केजरीवाल (AAP): केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और उनकी सरकार की योजनाओं—जैसे कि मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं—ने उन्हें दिल्लीवासियों के बीच बहुत लोकप्रिय बना दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) का क्षेत्रीय आधार मजबूत है और केजरीवाल की नेतृत्व क्षमता को जनता ने पहले भी बार-बार आजमाया है। इसलिए, केजरीवाल का पलड़ा भारी दिखता है, खासकर उन मतदाताओं के बीच जो दिल्ली में स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं।
Close contest on the New Delhi seat
प्रवेश वर्मा (BJP): प्रवेश वर्मा भाजपा के प्रमुख नेता हैं और उनकी छवि एक मजबूत नेतृत्व के रूप में उभर चुकी है। भाजपा का राष्ट्रीय आधार और मोदी सरकार के पक्ष में उनका प्रचार प्रभावी हो सकता है। अगर दिल्ली में भाजपा ने स्थानीय मुद्दों के साथ राष्ट्रीय राजनीति का मिश्रण किया, तो यह वर्मा को समर्थन मिल सकता है। भाजपा के पारंपरिक वोटबैंक और उनके विकास के वादे, उन्हें एक मजबूत चुनौती देने के लिए तैयार कर सकते हैं।
संदीप दीक्षित (Congress): संदीप दीक्षित, जो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं, कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता हैं। हालांकि कांग्रेस का दिल्ली में पिछले कुछ चुनावों में प्रभाव कम हुआ है, फिर भी उनकी पृष्ठभूमि और कांग्रेस के पारंपरिक समर्थकों के बीच एक पहचान है। यदि कांग्रेस समर्थक अपनी पार्टी के पक्ष में लामबंद होते हैं, तो वे मुकाबला कड़ा बना सकते हैं।
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कुल मिलाकर, इस बार नई दिल्ली सीट पर मुकाबला बहुत करीबी होगा। केजरीवाल के स्थानीय मुद्दों पर फोकस और उनकी योजनाओं की लोकप्रियता उन्हें थोड़ा फायदा दिला सकती है, लेकिन भाजपा का राष्ट्रीय प्रभाव और कांग्रेस की पारंपरिक जड़ें मुकाबला और भी रोचक बना देती हैं। इस सीट पर कोई भी पार्टी पलड़ा भारी साबित हो सकती है, और चुनाव परिणाम बहुत हद तक मतदान के दिन पर निर्भर करेंगे।